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बैग में बेटे की लाश थी, सूचना पूड़ी-सब्जी खाती रही:पड़ोसी बोले- वो तो आइडियल मां थी, क्या मेंटल हेल्थ दिलाएगी जमानत

 

ग्राउंड रिपोर्ट

बैग में बेटे की लाश थी, सूचना पूड़ी-सब्जी खाती रही:पड़ोसी बोले- वो तो आइडियल मां थी, क्या मेंटल हेल्थ दिलाएगी जमानत

पणजी/बेंगलुरु13 घंटे पहलेलेखक: आशीष राय

 

गोवा में चार साल के बेटे की हत्या की आरोपी सूचना सेठ के दो किरदार हैं। एक में वो अपने बेटे के कत्ल की आरोपी है। बेटा पति से न मिल पाए, इसलिए उसका कत्ल किया और फिर लाश सूटकेस में डाली और भागने की कोशिश करते हुए पकड़ी गई। बैग में बेटे की लाश थी और वो कैब रुकवाकर पूड़ी-सब्जी खाती रही।

 

एक सूचना सेठ बेंगलुरु की अरविंद स्प्रोसिया सोसायटी में रहती थी। पड़ोसियों और सोसायटी प्रेसिडेंट के मुताबिक, ये सूचना बेटे पर जान छिड़कती थी। लोग उसका नाम लेकर उदाहरण देते थे कि सिंगल मदर होने के बावजूद वो कितने अच्छे से बच्चे का ख्याल रखती हैं।

 

सूचना सेठ फिलहाल गोवा पुलिस की कस्टडी में हैं। पुलिस का कहना है कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है।

फिलहाल कोर्ट ने सूचना सेठ को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अगली सुनवाई 31 जनवरी को है। सूचना न तो पुलिस से बात कर रही है और न ही उसने कोर्ट में कुछ बोला है। कोर्ट ने उसकी मेंटल हेल्थ की जांच कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

दैनिक भास्कर पहले गोवा और फिर बेंगलुरु पहुंचा और इस केस की पड़ताल की। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट…

 

पहले तलाक, फिर स्टार्ट-अप भी फेल
सूचना की कहानी ढूंढते हुए हम बेंगलुरु पहुंचे। AI स्टार्टअप 'माइंडफुल एआई लैब' की संस्थापक और CEO सूचना सेठ 4 साल से इस कंपनी को लीड कर रही थी। बेंगलुरु के गोपाल कृष्णा कॉम्प्लेक्स में इस कंपनी का प्लग एंड प्ले ऑफिस था।

सूचना की कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए काम करती है। इसे को-वर्किंग ऑफिस स्पेस भी कहा जाता है। ये स्टार्ट-अप अब बंद हो गया है। इसकी वजह स्पष्ट नहीं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक फंडिंग रुक जाने से ऐसा हुआ।

 

गोवा के होटल में लिखवाया था गलत एड्रेस
दैनिक भास्कर की छानबीन में सामने आया कि गोवा के जिस होटल में सूचना के बेटे का कत्ल हुआ, वहां उसने गलत एड्रेस दिया था। पति से अलग होने के बाद सूचना बेंगलुरु के ठानीसांड्रा इलाके में बने यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट के सी विंग के फ्लैट नंबर 310 में रहने आईं थी।

गोवा में सूचना ने यही एड्रेस लिखवाया था। सच ये है कि एक साल पहले ही सूचना ने ये घर छोड़ दिया था। ये फैक्ट केस में सूचना के खिलाफ बड़ा सबूत है। पुलिस ने सूचना से पूछताछ में ये सवाल किया कि एड्रेस गलत क्यों दिया। सूचना ने कोई जवाब नहीं दिया।

ब्रोकर बोला- सिर्फ कुछ कपड़े लेकर यहां रहने आईं थीं सूचना
सूचना की कहानी तलाशते हुए हम यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट पहुंचे। यहां ब्रोकर रकीब शरीफ मिले। रकीब ने बताया, ‘सूचना सेठ ने बिल्डर के ऑफिस से रेंट पर फ्लैट लिया था। ये फर्निश्ड अपार्टमेंट है। सूचना बेटे और सिर्फ एक बैग कपड़ों के साथ यहां रहने आई थीं। उनके पास और कोई सामान नहीं था।’

ब्रोकर ने आगे बताया, ‘सूचना के बारे में सोसायटी में कोई अच्छे से नहीं जानता। ये फ्लैट आज भी यूनीश्री बिल्डर के नाम पर है। यहां अब एक मुस्लिम फैमिली रहती है।’

हमने सोसायटी में सूचना के पड़ोसियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी याद नहीं था कि वो यहां कब रहती थी।

 

ये यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट है जहां सूचना सेठ दो साल रहीं। एक साल पहले वे घर खाली करके चली गईं थीं।

सूचना के पड़ोसी बोले- वो आदर्श मां थीं, नहीं पता ये सब कैसे हुआ
इसके बाद हम सूचना के मौजूदा एड्रेस अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट पहुंचे। पुलिस के मुताबिक सूचना बेटे की लाश लेकर यहीं लौट रही थी। वो बेटे की लाश को घर लाकर ठिकाने लगाने की फिराक में थी। हालांकि, पुलिस यहां अब तक छानबीन के लिए नहीं आई है।

यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट से अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट करीब एक किमी दूर है। सोसायटी के गार्ड्स ने हमें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद हमने सोसायटी के प्रेसिडेंट पंकज जैन से फोन पर बात की।

पंकज जैन ने बताया, ‘सूचना सेठ यहां किराए पर एक साल से रह रही थीं। उन्हें सोसायटी के कई लोग जानते थे।’

पंकज आगे कहते हैं, ‘ये घटना हैरान करने वाली है। सिर्फ मेरे परिवार में ही नहीं, सोसायटी में रहने वाली महिलाएं सूचना सेठ की मिसाल देती थीं। सभी देखते थे कि सूचना बहुत अच्छी मां हैं और कितने अच्छे से बेटे की परवरिश कर रही हैं।’

सूचना शांत नेचर की थीं, बच्चे के साथ पार्क में खेलती थीं
पंकज आगे बताते हैं, ‘ये तो नहीं कह सकते कि कब किसके दिमाग में क्या आ जाए, लेकिन सूचना का स्वभाव बेहद शांत था। उनके बारे में कभी शिकायत नहीं सुनी थी। वो बेटे के साथ हर रोज पार्क में खेलती थीं, दूसरे बच्चे भी साथ खेलते थे। पूरी सोसायटी के लोग इस घटना से शॉक में हैं।’

सूचना से आखिरी मुलाकात याद करते हुए पंकज कहते हैं, ‘उनसे आखिरी बार चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान मिला था। हमने सोसायटी के अंदर लॉन्चिंग के लाइव टेलीकास्ट का कार्यक्रम रखा था। इसमें सूचना भी आई थीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्हें सोसायटी बहुत पसंद आई है।’

टेनेंट वेरिफिकेशन के सवाल पर पंकज जैन ने बताया, ‘किसी कंपनी ने वेरिफिकेशन करवाया है, तो हम किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं। हम मकान मालिक की रिकमेंडेशन पर किराएदार को रहने की परमिशन दे देते हैं। सूचना सेठ को भी रहने की परमिशन उनके मकान मालिक के कहने पर दी गई थी।’

 

फिलहाल सूचना बेंगलुरु के अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट में रह रही थीं। उनका टेनेंट वेरिफिकेशन कंपनी की तरफ से कराया गया था।

सूचना के ऑफिस वाले बोले- जो बताना था, पुलिस को बता दिया है
सोसायटी के बाद हम सूचना सेठ के ऑफिस के एड्रेस पर पहुंचे। यही पता उन्होंने कॉरपोरेट मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर दिया था। सूचना की कंपनी Saatvik Machine Intelligence Technologies Pvt Ltd का ऑफिस अशोकनगर के गोपाल कृष्णा कॉम्प्लेक्स के फर्स्ट फ्लोर पर था।

ऑफिस के मैनेजर ने सूचना के केस पर बात नहीं की। सिर्फ इतना कहा, ‘जो कहना था, पुलिस को बता दिया है।’

हालांकि, हम बाहर निकल रहे थे तो ऑफिस के स्टाफ के लोग मिले। उन्होंने बताया कि सूचना सेठ को एक-दो बार उन्होंने क्लाइंट के साथ मीटिंग करते देखा था, लेकिन इससे ज्यादा जान-पहचान नहीं थी।

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